इंडिगो क्राइसिस के बाद सरकार ने उठाया बड़ा कदम, बदला विमानन सेक्टर का पूरा ढांचा
गत दिनों इंडिगो की प्रभावित उड़ानों ने लाखों लोगों को परेशान किया। अब भविष्य में इस प्रकार की किसी भी प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। देश के विमानन सेक्टर में पहली बार तकनीकी खामियों की निगरानी का पूरा ढांचा तत्काल प्रभाव से बदल दिया गया है।
नए नियम
12 पेज के नए आदेश के अनुसार, अब किसी भी निर्धारित उड़ान में तकनीकी कारण से 15 मिनट या उससे अधिक देरी होने पर उसकी जांच अनिवार्य होगी। एयरलाइन कंपनी को ये बताना होगा कि देरी किस कारण हुई और उसको कैसे ठीक किया गया? वहीं, उस प्रकार की गलती दोबारा न होने के लिए क्या उपाय किए गए।
सख्त कार्रवाई
नए नियमों के अनुसार, कंपनी को किसी भी प्रकार के मेजर डिफेक्ट की जानकारी डीजीसीए को फोन पर देनी होगी। इसके साथ ही इसकी विस्तृत रिपोर्ट 72 घंटों के भीतर सौंपनी होगी। डिफेक्ट तीन बार दोहराए जाने पर उसे ‘रिपीटेटिव डिफेक्ट’ माना जाएगा। इसके लिए अलग से एक प्रकार की विशेष जांच शुरू की जाएगी।











