राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती बड़हरिया के सभी स्कूलों में भी मनाई गई
बड़हरिया से परमानंद पांडे की रिपोर्ट
बड़हरिया प्रखण्ड मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में भारत रत्न डॉ राधा कृष्णन सर्वपल्ली की जयंती शिक्षक दिवस के अवसर पर मनाया गया। प्रखण्ड के राजकीय विद्यालय महबूब छपरा, पट्टी भलूआ, रामपुर, हरदिया, सुंदरी, सुंदरपुर, मथुरापुर, हाथीगाई,
लौवान, करबला, कुवाही, धनाव , सदरपुर, पहाड़पुर सहित सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षक दिवस मनाया गया। विदित हो की भारत में हर साल महान शिक्षाविद भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को उनके योगदान और उपलब्धियों को श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ सर्वपल्ली का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। उनकी मौत 17 अप्रैल 1975 को हो गया था। डॉ सर्वपल्ली की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप मे भारत के सभी स्कूल से लेकर कॉलेजों तक शिक्षक और छात्र-छात्राएं बड़े ही धूमधाम से उनकी जयंती मनाते हैं। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान में उपहार स्वरूप सुंदर सा गिफ्ट भी प्रदान करते हैं। 5 सितंबर, 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। बल्कि एक विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी हुए । अपनी तमाम उपलब्धियों और योगदानों के बावजूद राधाकृष्णन जीवन भर शिक्षक रहे। शिक्षक दिवस भारत के पहले उपराष्ट्रपति की स्मृति का सम्मान करने और हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्व को मनाने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने कई क्षमताओं में अपने देश की सेवा की है। लेकिन सबसे बढ़कर, वह एक महान शिक्षक थे । जिनसे हम सभी ने बहुत कुछ सीखा है और आगे भी सीखते रहेंगे। हमारे राष्ट्रपति के रूप में एक महान दार्शनिक, एक महान शिक्षाविद् और एक महान मानवतावादी का होना भारत का विशिष्ट विशेषाधिकार है। भारत रत्न से सम्मानित उन्होंने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय में पढ़ाया। 1954 में उन्हें भारत में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। वे 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट के मानद सदस्य के रूप में भर्ती हुए। डॉ. राधाकृष्णन अपने जीवनकाल के दौरान एक मेधावी छात्र, छात्रों के बीच एक प्रसिद्ध शिक्षक थे। ऐसा कहा जाता है कि जब वे 1962 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में सेवा कर रहे थे। तब उनके छात्रों ने उनके जन्म दिन 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति लेने के लिए उनसे संपर्क किया। इसके बजाय डॉ. राधा कृष्णन ने समाज में शिक्षकों के योगदान को पहचानने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया और लोगो ने यह बात उनकी मान लिया। तबसे यह शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली की जयंती के दिन से मनाने का प्रचलन शुरू हुआ जो आज भी मनाया जा रहा है। शिक्षक रूपी गुरु की सेवा कोई भी छात्र और छात्राएं कभी भूल नहीं सकते है। बड़हरिया प्रखण्ड के सभी स्कूल एवं कॉलेज मे डॉ सर्वपल्ली की जयंती मनाई गई। बड़हिया प्रखंड के रामपुर गांव स्थित आइडियल कोचिंग सेंटर रामपुर में शिक्षक दिवस और डॉ राधा कृष्णन सर्वपल्ली की जयंती छात्रों ने केक काट कर बहुत ही उत्साह से बनाया । शिक्षक राकेश सर के द्वारा बताया गया कि शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। उनका जन्म 5 सितंबर को हुआ था। उनके व्यक्तित्व एवं शिक्षा जगत में उनके योगदान पर चर्चा की गई। केक काटने के बाद डॉ सर्वपल्ली के जीवनी पर शिक्षक आनंद मिश्रा, नेयाज अहमद, दीपेश कुमार शर्मा, विजय सिंह, मनोज शर्मा, छात्र रामुन कुमार, आकाश कुमार, आशुतोष कुमार, प्रिंस कुमार, जुगेश कुमार ,अजय कुमार, अंशिका कुमारी ,सुनीति ,कुमारी स्मृति कुमारी ,पायल कुमारी, आरती कुमारी, खुशी कुमारी के द्वारा कविता एवं भाषण प्रस्तुत किया गया।











