बड़हरिया थानाध्यक्ष का करतूत से पुलिस महकमा हुआ शर्मशार , जेल मे बंद और तीर्थ यात्रा और नौकरी कर रहे युवकों पर हत्या और दंगा का बनाया आरोपित
कोइरीगावा गांव के दो युवक सिवान जेल में बंद है और दंगा में पुलिस ने किया नामजद
तीर्थ यात्रा पर गए युवक और गुजरात में नौकरी कर रहे युवक को भी महावीरी अखड़ा मेला पत्थरबाजी कांड में पुलिस ने बनाया आरोपी
बड़हरियासे परमानंद पाण्डेय की रिपोर्ट
बड़हरिया थानाध्यक्ष रूपेश कुमार के करतूत और दलालों के चंगुल में आकर पुलिस महकमे को बदनाम करने का एक बार काम करके पुलिस को शर्मशार करने का काम किया है। बड़हरिया वासी थानाध्यक्ष को पुलिस कप्तान मनोज कुमार तिवारी से बड़हरिया थाना से हटाने और स्वयं बड़हरिया महावीरी अखड़ा कांड की जांच कर निर्दोष को दोष मुक्त करने की मांग किया है। सूत्रों की माने तो पहले से ही थानाध्यक्ष रूपेश कुमार वर्मा रिश्वत लेकर निर्दोषों पर केस करने और रिश्वत लेकर केस से नाम निकालने के लिए बड़हरिया में काफी मशहूर है। उसको साबित करते हुए थानाध्यक्ष ने फिर से वही कारनामा सामने आया है जो थानाध्यक्ष को भारी पड़ने वाला है । मामला बड़हरिया थाना क्षेत्र का बड़हरिया मुख्यालय स्थित श्री राम जानकी मंदिर परिसर में लगने वाला विशाल महावीरी अखड़ा मेला का है जहां गत 4 सितंबर 25 को महावीरी अखड़ा मेला जुलूस के दौरान हुए दो गुट आपस में भीड़ गए थे और पत्थर बाजी और उपद्रव हुआ था। जिसमें थानाध्यक्ष रूपेश कुमार वर्मा का सर फट गया था और वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उनके सर में इलाज के दौरान सात टांके लगे थे। इस घटना के बाद थानाध्यक्ष के लिखित बयान पर बड़हरिया थाना कांड संख्या 471/25 प्राथमिकी हत्या के प्रयास, दंगा एक्ट, सहित कई संगीन धाराओं मे कुल 114 लोगों को नामजद थानाध्यक्ष ने किया है। थानाध्यक्ष ने अपने आवेदन में लिखा है की घटना 4 सितंबर 25 को शाम में घटित हुआ था। लेकिन आरोपियों की पहचान मेले में लगे सीसीटीवी कैमरे के फोटो देखकर 9 सितंबर 25 को थाना मे केस दर्ज किया गया। पहली बात तो यह है कि घटना के 6दिन बाद थानाध्यक्ष सीसीटीवी कैमरे के फोटो का पहचान के आधार पर केस दर्ज करने की बात कहते है तो फिर जेल मे बंद कोइरीगवा गांव के दो युवकों का नाम केस में कैसे शामिल किया गया है । जबकि दोनों युवकों को कुछ माह पहले स्वयं थानाध्यक्ष ने गिरफ्तार कर सिवान जेल भेजे थेजो आज भी सिवान जेल में बंद है । वहीं एक नाम ऐसा भी शामिल किया गया है जो घटना से एक दिन पहले हीं अपने परिवार के साथ रिजर्वेशन टिकट पर तीर्थ यात्रा करने राज्य से बाहर चले गए थे। जबकि एक युवक गुजरात में एक प्राइवेट कम्पनी में कार्य कर रहा है। बड़हरिया पुलिस के इस कारनामे के सामने आने के बाद जहां पुलिस की भद्द पीट रही है वहीं बड़हरिया थानाध्यक्ष इसे सीसीटीवी फुटेज के साफ चेहरा नहीं देखने का बहाना बनाकर पुलिस की गलती छिपाने की कोशिश कर रहे हैं ।
बता दें कि गत 4 सितंबर को बड़हरिया में महावीरी अखड़ा मेला जुलूस निकला था। उस दौरान कुछ उपद्रवियों द्वारा जुलूस पर पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया गया। घटना में बड़हरिया थानाध्यक्ष भी चोटिल हो गए। मामले में पुलिस द्वारा काण्ड संख्या 471/25 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। लेकिन, इस प्राथमिकी में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. दर्ज नामजद आरोपियों की सूची में थाना क्षेत्र के कोइरीगांवा गांव निवासी स्वर्गीय ओशिहर प्रसाद के दो पुत्र अजरदीप प्रसाद और अनालदीप प्रसाद को भी थानाध्यक्ष ने अपने आवेदन में नामजद अभियुक्त बनाया गया है। जबकि दोनों युवक घटना से पूर्व ही बड़हरिया थाना के एक केस में किसी अन्य मामले में थानाध्यक्ष ने गिरफ्तार कर सिवान जेल भेज चुके हैं। वहीं एक ऐसा भी नाम सामने आया है जो 3 सितंबर यानी मेला के एक दिन पहले अपने परिवार के साथ रिजर्वेशन करा कर खाटू श्याम सहित अन्य तीर्थ स्थल पर गए हुए थे और घटना के बाद 8 सितंबर को घर वापस बड़हरिया अपने घर पहुंचे है। इस खुलासे के बाद थाना वासियों में काफी आक्रोश व्याप्त है। चर्चा का विषय है कि थानाध्यक्ष के आवेदन के अनुसार सीसीटीवी कैमरे के जांच-पड़ताल के बाद निर्दोष बच्चों और जेल में बंद दो लोगों और तीर्थ यात्रा पर गए लोगों और नौकरी कर रहे लोगों का नाम प्राथमिकी में कैसे जोड़ा गया है। हालांकि बात उजागर होने के बाद बड़हरिया थानाध्यक्ष रूपेश कुमार वर्मा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में धुंधलापन के कारण कुछ निर्दोष लोगों का नाम शामिल हो गया है । उन्होंने कहा कि वैसे निर्दोष लोगों के द्वारा प्रूफ कागजात के साथ वरीय पुलिस पदाधिकारी को आवेदन देने के बाद जांच कर इस प्राथमिकी से नाम हटा दी जाएगा। पूर्व जिला पार्षद सह सामाजिक कार्यकर्ता जुल्फेकार अहमद उर्फ मिट्ठू बाबू , परमात्मा सोनी, पूर्व मुखिया सुनील कुमार, केशव कुमार श्रीवास्तव, सहित सैकड़ों लोगों ने सिवान के कर्मठ और तेज तरार एसपी मनोज कुमार तिवारी से स्वयं केस की जांच अपने स्तर से करने और निर्दोष लोगों को दोषमुक्त करने की अपील किया। मिठ्ठू बाबू ने कहा है की पुलिस के इस कारनामे से बड़हरिया के बुद्धिजीवी वर्ग काफी दुखित है और सभी समुदाय के लोग आगे किसी भी फेस्टिभल में भाग लेने से दूर हो सकते है। बड़हरिया पुलिस दलालों के चंगुल में है किसी भी निर्दोष पर केस कर सकती है अथवा किसी दूसरे से करवा सकती है। भाजपा नेता अनुरंजन मिश्रा ने एसपी मनोज कुमार तिवारी से आग्रह किया की केस के जांच के बाद दोषी लोगो को पर ही करवाई किया जाय और निर्दोष लोगों को बख्श दिया जाए। साथ ही श्री मिश्रा ने एसपी से अपील किया कि इस केस के जांच पूरा होने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं किया जाय । बहरहाल बड़हरिया पुलिस इस मामले की सच्चाई के लिए जमीनी स्तर पर शरीफ लोगो से पूछ ताछ और तहकीकात में पूरी तरह जुटी गई है।











