कलयुग मे खुश रहने का एक मात्र उपाय है ईश्वर भजन-राधा श्यामानंद स्वामी जी महाराज
बड़हरिया से परमानंद पांडे की रिपोर्ट
बड़हरिया प्रखंड के लकड़ी दरगाह बाजार स्थित राधे बाके बिहारी भवन परिसर में सात दिवसीय तुलसी सालिग्राम विवाह के अवसर पर श्री मद्भागवत कथा के समापन के दौरान कथा वाचक स्वामी राधा श्यामानंद जी महाराज ने कहा कि इस संसार में सभी जीव को कष्ट है। कलयुग तो कष्ट ही कष्ट से भरा है। संसार में चारों तरफ दुख ही दुख है। संसार में सुखी रहने का मात्र एक मार्ग है भगवान का कीर्तन करना। अगर भगवान की कीर्तन करते है तो सभी पापों का नष्ट हो जाता है। कहा कि बांके बिहारी खुद कृष्ण है। कृष्ण को गोपाल भी कहा जाता है। गोपाल का अर्थ होता है गाय का पालन करने वाला, इसलिए हमे गाय का सेवा करनी चाहिए। गाय की सेवा करने से दुख और पाप का नाश होता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में समाज में काफी तनाव है। एक दूसरे में नफरत ही नफरत है। भाईचारा समाप्त हो रहा है। अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए भगवान का कीर्तन करे। कीर्तन से परिवार प्रेम तो बढ़ता है सामाजिक समरसता भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि हिन्दू मुस्लिम सभी एक है और आपस में मिल जुलकर प्रेम पूर्वक रहना चाहिए। कार्यकम के समापन पर आयोजन कर्ता भक्त सुमित्रा देवी ने सभी को आचार्य और सतों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। कीर्तन मंडली को भी अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।












