शिवहर बापूधाम मोतिहारी-सीतामढ़ी वाया शिवहर नई रेल लाइन परियोजना, जिसका सपना शिवहर और सीतामढ़ी के लोगों ने करीब 20 साल पहले देखा था, पैसे के अभाव में अधर में लटक गया है।
डॉ. राहुल कुमार द्विवेदी, बिहार संपादक, अखंड भारत न्यूज़।
▪️सरकार और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता, बजट की कमी एवं भूमि अधिग्रहण में जटिलताओं के कारण जनता की यह बहुप्रतीक्षित योजना आगे नहीं बढ़ पा रही है। वर्ष 2006-07 में स्वीकृत यह रेलवे लाइन परियोजना आजादी के 78 साल बाद भी शिवहर जिले को रेल सुविधा से जोड़ने का सपना पूरा नाहीं कर पा रही है। आरटीआई कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्र द्वारा रेल मंत्रालय से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में बड़े स्तर पर लापरवाही और वित्तीय असमानता उजागर हुई। रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे लाइन के लिए भूमि अर्जन की स्वीकृत राशि 2.66 अरब रुपये थी, परंतु रेलवे मंत्रालय ने इसके बदले सिर्फ 1.27 करोड़ रुपये आवंटित किए। यह राशि भी अब खर्च हो चुकी है। इतनी कम राशि में विशाल रेल परियोजना के लिए भू-अर्जन होना संभव नहीं था। रेल मंत्रालय ने अतिरिक्त राशि नहीं भेजी है, जिससे भूमि अधिग्रहण का काम रुक गया है। प्रभारी जिला भू-अर्जन पदाधिकारी प्रभात कुमार ने साफ तौर पर बताया कि अब तक 78,857 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर रैयतों को 83 करोड़ 82 लाख 94 हजार 654 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। हालांकि, अभी 18,458 एकड़ भूमि का भुगतान बाकी है, जो धनराशि के अभाव में लंबित है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक रेलवे मंत्रालय से बाकी राशि नहीं मिलती, रैयतों को भुगतान और भूमि अधिग्रहण का कार्य आगे नहीं बढ़ सकता। भूमि अधिग्रहण की यह स्थिति साफ तौर पर दिखाती है कि परियोजना कुल जमीन का केवल 22 प्रतिशत ही कवर कर पायी है।
▪️राजनीतिक उपेक्षा से परियोजना पर ग्रहण, लोगों में नाराजगी , स्थानीय लोग इस मामले में जनप्रतिनिधियों के रवैए पर भी सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि रेलवे लाइन का शिलान्यास तो बड़े समारोह में कर दिया गया, लेकिन इसके बाद न तो सांसदों और न ही विधायकों ने परियोजना को आगे बढ़ाने की दिशा में कोई गंभीर पहल की। आरटीआई से मिली जानकारी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बजट और प्रशासनिक स्तर पर गंभीर प्रयासों की कमी है, जिसके कारण परियोजना वर्षों से ठप पड़ी है।
▪️शिवहर अब भी रेल सेवा से महरूम मोतिहारी जाना भी होगा आसान, शिवहर जिला न केवल बिहार बल्कि देश के पिछड़े जिलों में एक है। यहां उद्योग-धंधा नगण्य है। बड़ी संख्या में लोग रोजगार, शिक्षा और इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन करते हैं। लेकिन जिले में एक भी रेलवे स्टेशन नहीं होने के कारण लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए 25 किलोमीटर दूर सीतामढ़ी, 55 किलोमीटर दूर मुजफ्फरपुर या 60 किलोमीटर दूर बापूधाम मोतिहारी जाना पड़ता है। यह दूरी आम लोगों के लिए भारी परेशानी का कारण बनी हुई है।
शिवहर – सीतामढ़ी -मोतिहारी रेल लाइन में कई स्टेशनों का प्रस्ताव
रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित रेल लाइन सीतामढ़ी जंक्शन से शुरू होकर रेवासी, धनकौल, शिवहर, सुगिया कटसरी, पताही, ढाका, चिरैया और गजपुर होते हुए बापूधाम मोतिहारी जंक्शन तक जाएगी। इस मार्ग पर कई क्रॉसिंग और हाल्ट स्टेशन का निर्माण प्रस्तावित है। परियोजना का शिलान्यास वर्ष 2006 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था। रेल बजट में भी इसे शामिल किया गया था, लेकिन उसके बाद से न तो परियोजना की समीक्षा हुई और न ही धरातल पर कोई प्रगति।












