कुशीनगर SP केशव कुमार का योजना और हनक मिश्रित सच्चा नेतृत्व

यह पोस्ट न सिर्फ केस की सच्चाई को उभारती है, बल्कि “केशव” नाम के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भाव से भी जोड़ती है, जिसमें साफ संदेश है–मूल्य आधारित प्रशासन ही असली प्रशासन है।
कुशीनगर के धरती पर इस समय एक ऐसा “केशव” विराजमान है, जिसने बिना शोर मचाए, बिना दिखावे की मुठभेड़ों के— सिर्फ अपनी कार्ययोजना, हनक और नीयत से पशु तस्करी पर पूर्णविराम लगा दिया है।
जहाँ पहले हाइवे पर खुलेआम जानवरों से लदी गाड़ियाँ घूमती थीं, अब वहाँ कानून का भय और व्यवस्था की आहट सुनाई देती है। फर्क साफ दिख रहा है— पहले और अब के प्रशासनिक दौर में।
नाम भी वही है जो धर्म के इतिहास में अन्याय का अंत करने वाला था— केशव!
भगवान श्रीकृष्ण ने जैसे धर्म की स्थापना की थी, वैसे ही एसपी केशव कुमार ने कानून की प्रतिष्ठा को कायम किया है।
जब मुखिया दृढ़ निश्चयी हो, तो नीचे वालों की मजाल नहीं कि नियमों को तोड़ सकें।
कुशीनगर का यह “केशव” आज सबको यह सिखा रहा है कि बदलाव दिखावे से नहीं, नीयत से आता है।













