गोपालगंज ब्यूरो आशीष रंजन श्रीवास्तव की रिपोर्ट
आज दिनांक 11 दिसम्बर 2025 को समाहरणालय सभा कक्ष, गोपालगंज में जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति की महत्वपूर्ण एवं विस्तृत बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO), अंचल अधिकारी (CO) तथा प्रखंड स्तरीय अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना, वर्तमान चुनौतियों की पहचान करना और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना था।
बैठक में उपस्थित प्रमुख पदाधिकारियों में श्री कुमार निशांत विवेक उप विकाश आयुक्त, श्री रोहित कुमार अपर समाहर्ता लोक शिकायत,श्री अनिल कुमार अनुमंडल पदाधिकारी गोपालगंज एवं श्रीमती रंजना भारती भूमि सुधार उपसमाहर्ता, श्री अनिल कुमार जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी (DFO), जिला परिवहन पदाधिकारी, निदेशक DRDA,श्री डॉ शशि प्रकाश राय उप निर्वाचन पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, श्री धर्मेंद्र कुमार जिला पंचायती राज पदाधिकारी, श्रीमति रंजना कुमारी जिला योजना पदाधिकारी, ICDS, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, ईख पदाधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण, सामाजिक सुरक्षा, जीविका, कृषि, आपूर्ति, पशुपालन, मत्स्य, सांख्यिकी, उद्योग केंद्र, NABARD, नगर परिषद व नगर पंचायत, विद्युत, PHED, ग्रामीण कार्य विभाग, भवन निर्माण, बाढ़ नियंत्रण, नहर प्रमंडल, जल-निस्सरण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता तथा सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी शामिल थे। यह बैठक जिले की विकास दिशा तय करने में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
जिलाधिकारी ने जिले में निर्माणाधीन एवं हाल ही में पूर्ण हुए पंचायत भवनों की गुणवत्ता को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिले में कई स्थानों से शिकायतें मिल रही हैं कि पंचायत भवनों में उपयोग की जाने वाली निर्माण सामग्री मानकों के अनुरूप नहीं है।प्रत्येक पंचायत भवन की गुणवत्ता की जांच के लिए अलग-अलग पदाधिकारियों की टीम गठित की जाए। उपयोग की गई सामग्री का मूल्यांकन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। यदि कहीं भी घटिया सामग्री या मानक से विचलन पाया गया तो संबंधित संवेदक और पदाधिकारी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई होगी।”**
यह निर्णय जिले में गुणवत्तापूर्ण निर्माण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
बैठक में कई विभागों द्वारा यह बताया गया कि उनकी योजनाओं के कार्यान्वयन में अंचल कार्यालय से भूमि उपलब्ध कराने में बाधा आ रही है। कई मामलों में कर्मचारी या अधिकारी अनावश्यक रूप से “जमीन उपलब्ध नहीं” बताए जाने का हवाला देते हैं।
इस पर जिलाधिकारी ने अत्यंत कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि
यदि भविष्य में किसी सरकारी योजना के लिए भूमि उपलब्ध कराने में लापरवाही, टालमटोल या मनमानी की गई, तो संबंधित अंचल अधिकारी एवं कर्मचारी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। योजनाओं में कृत्रिम बाधा उत्पन्न करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
परिवहन व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से गोपालगंज के नए बस स्टैंड के लिए भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव बैठक में रखा गया। बस स्टैंड के लिए उपयुक्त भूमि की तत्काल पहचान कर प्रस्ताव भेजें, ताकि निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जा सके। यह परियोजना जिले के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ऊर्जा विभाग और विद्युत प्रमंडल को निर्देश दिया गया कि—
- जिले के सभी गांवों में 100% स्मार्ट मीटर स्थापना का कार्य तेजी से पूरा किया जाए।
- स्मार्ट मीटर लगाने के कार्य में किसी प्रकार की देरी या लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
- प्रगति रिपोर्ट साप्ताहिक आधार पर डीएम कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए।
स्मार्ट मीटर स्थापित होने से बिजली की खपत पारदर्शी होगी तथा उपभोक्ताओं की समस्याओं में कमी आएगी। जिलाधिकारी ने PHED विभाग एवं प्रखंड अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि जिले के प्रत्येक पंचायत के सभी वार्डों में जल–नल योजना के तहत नियमित पानी की आपूर्ति हो रही है या नहीं, इसकी विस्तृत जांच करें।उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित है, वहां तुरंत मरम्मत कार्य कर जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए।
डीएम ने यह भी कहा कि जल–नल योजना सबसे संवेदनशील योजनाओं में से एक है। किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी उत्तरदायी होंगे।
बैठक में मनरेगा, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन, सहकारिता, उद्योग, आपूर्ति, जीविका, सामाजिक सुरक्षा, बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, सड़क निर्माण, भवन निर्माण, नगर निकायों और कल्याण विभाग की योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। सभी विभागों से समयसीमा में कार्य पूरा करने तथा लंबित कार्यों की स्थिति सुधारने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनता को योजनाओं का लाभ समय पर मिले, यह प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। योजनाओं में देरी और अनियमितता किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।
बैठक का समापन करते हुए जिलाधिकारी ने कहा जिले में विकास कार्यों को समय पर पूरा करना, पारदर्शिता बनाए रखना तथा जनता को योजनाओं का पूर्ण लाभ देना सभी अधिकारियों और कर्मियों की जिम्मेदारी है। किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय बढ़ाने, जनहित वाली योजनाओं को प्राथमिकता देने और नियमित प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।











