गरीब बिहार प्रदेश में, अन्य प्रदेशों से महंगा पेट्रोल क्यों, यह जनता का शोषण है, पूछता है बिहार
बड़हरिया से परमानंद पांडे की रिपोर्ट
बिहार आज भारत देश के सबसे गरीब राज्यों में गिना जाता है। लेकिन इसी गरीब बिहार में पेट्रोल की कीमत ₹ 105.23 प्रति लीटर बिक रहा है । यानी देश के सबसे महंगे राज्यों में बिहार शामिल है। अब ज़रा तुलना करिए पेट्रोल दिल्ली ₹ 94.77, उत्तर प्रदेश ₹ 94.69,
गुजरात ₹ 94.70, हिमाचल प्रदेश ₹ 95.34, हरियाणा ₹ 95.94, झारखंड ₹ 97.86 में एक लीटर मिल रहा है। जबकि बिहार में 105.23 रुपया प्रति लीटर बिक रहा है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि ये सभी राज्य बिहार से आर्थिक रूप से काफी बेहतर हैं। यहाँ लोगों की औसत आमदनी भी ज़्यादा है। रोज़गार ज़्यादा है, सुविधाएँ ज़्यादा हैं। फिर भी इन राज्यों में पेट्रोल सस्ता है। जबकि बिहार गरीब और पिछड़ा राज्य है ? जहाँ युवा पलायन करता है, जहाँ मज़दूर 500 रुपये रोज़ कमाता है, जहाँ किसान डीज़ल-पेट्रोल के भरोसे खेती करता है। लेकिन पेट्रोल बिहार में देश के अन्य राज्यों से सबसे महंगा बिकता है।
यह क्या है? यह शासन है की जनता शोषण?
सरकारें जब जवाब नहीं देना चाहतीं, तो “सुशासन” का नारा उछाल देती हैं। लेकिन सवाल यह है कि- अगर सुशासन है, तो बिहार में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय क्यों? सबसे ज़्यादा पलायन क्यों? सबसे कमजोर स्वास्थ्य और शिक्षा क्यों? और गरीब बिहार राज्य में महंगा पेट्रोल क्यों है। सच यह है कि बिहार सरकार ने पेट्रोल पर जान बूझ कर ऊँचा VAT लगाकर आम जनता से रुपया वसूली को ही नीति बना लिया है। ऑटो चालक, डिलीवरी बॉय, छोटे दुकानदार, किसान, सबसे ज़्यादा मार इन्हीं पर पड़ती है। सरकार कहती है,“पैसे से विकास करेंगे।” लेकिन सवाल सीधा है कि 15-20 साल से पेट्रोल डीजल तेल पर अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में अधिक टैक्स वसूली चल रही है। अगर पेट्रोल डीजल टैक्स से बिहार समृद्ध होता, तो आज बिहार देश में सबसे आगे होता, ना कि हर सूचकांक में सबसे पीछे। यह आर्थिक मजबूरी नहीं, यह राजनीतिक बेरुख़ी और प्रशासनिक निकम्मापन है।
बिहार की जनता से हर बार कहा जाता है “थोड़ा सह लीजिए।” लेकिन सत्ता कभी नहीं बताती कि मंहगाई की मार जनता सहेगी कब तक? अब समय आ गया है कि बिहार के लोग बिहार सरकार से पूछे की जब दिल्ली, यूपी और गुजरात में पेट्रोल सस्ता बिक सकता है, तो बिहार में क्यों नहीं?
जब तक यह सवाल बिहार के लोग सरकार से नहीं पूछेंगे तब तक आम जनता को महंगाई और सत्ता को बहाने मिलते रहेंगे। बहरहाल यह बिहार है। बिहारी किसी से कम नहीं है। यहां सवाल भी पूछने पर सरकार विरोधियों की चाल बता कर पाला छाड़ कर निकल लेती है। लेकिन हकीकत तो पेट्रोल की दाम अन्य प्रदेशों से ज्यादा है इसे भला कौन इंकार कर सकता है। लेकिन बोलेगा कौन?












