जिस महिला मुखिया को राष्ट्रपति से मिला पुरस्कार उसी के घर ED की रेड, बिहार में काले धन पर बड़ा ऐक्शन
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में ईडी की रेड से खलबली मच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मुजफ्फरपुर जिले में सकरा प्रखंड के बिशनपुर वघनगरी मॉडल पंचायत की मुखिया बबीता देवी के आवास पर छापेमारी शुरू की है। टीम सुबह करीब छह बजे पहुंची थी। मुखिया के घर पर मौजूद दस्तावेज, बैंक खातों, प्रॉपर्टी डीड और अन्य वित्तीय लेन-देन की जांच की जा रही है।सूत्रों के मुताबिक अवैध शराब तस्करी से अर्जित काले धन के मामले में छापेमारी हो रही है। मुखिया पति बबलू मिश्रा और उनके भाई पर पहले ही शराब तस्करी के कई मामले दर्ज हैं। वहीं, मुखिया बबीता देवी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है।कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि ईडी की टीम वारंट लेकर पहुंची थी। ईडी की करीब 20 सदस्यों की टीम सुबह से ही यहां जांच-पड़ताल में जुटी है। इस छापेमारी में ईडी की टीम को अब तक क्या कुछ मिला है? अभी इसपर कुछ भी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि ईडी की टीम ने बबलू मिश्रा के अलावा उनके भाई से भी पूछताछ की है। मुखिया बबीती देवी के घर के बाहर पुलिस बल तैनात है और किसी को भी अंदर जाने या बाहर आने की इजाजत नहीं है। मुखिया बबीता देवी के घर पर छापेमारी की चर्चा पूरे गांव में हो रही है। बिहार समेत तीन राज्यों में छापेमारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध शराब तस्करी के नेटवर्क के खिलाफ बिहार में मुजफ्फरपुर के अलावा तीन अन्य राज्यों हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश और झारखंड में भी छापेमारी की है। ईडी पटना जोनल ऑफिस की टीम ने बुधवार को हरियाणा के गुरुग्राम, अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागुन और नामसाई तथा झारखंड की राजधानी रांची में एक साथ सात स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई अवैध शराब तस्करी के मुख्य सरगना सुनील भारद्वाज और उसके करीबियों पर केंद्रित है।ईडी सूत्रों के अनुसार इस मामले में पहले जांच हो चुकी है और करीब 9.31 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की जा चुकी है। सुनील भारद्वाज पर आरोप है कि उसने बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद राज्य के भीतर और बाहर अवैध तरीके से शराब की तस्करी का संगठित नेटवर्क खड़ा किया था। इस नेटवर्क के जरिए न केवल शराब की खेप राज्य में लाई जाती थी, बल्कि नकली दस्तावेजों और गुप्त रास्तों का इस्तेमाल कर लाखों रुपये का काला धन भी इकट्ठा किया जाता था।












