ट्रक की चपेट में आया स्कूली बच्चा, इलाज के लिए ले जाते समय मौत
पुलिस ने चालक को हिरासत में लेकर ट्रक को किया जब्त
नौतन से फिरोज अंसारी की रिपोर्ट
स्थानीय थाना क्षेत्र के नौतन बाजार स्थित प्रखंड मुख्यालय के पास प्राइवेट स्कूल जा रहे 7 वर्षीय छात्र उस समय ट्रक की चपेट में आकर गम्भीर रूप से घायल हो गया, जब अपने स्कूल बस से उतर कर स्टेशनरी की दुकान से पेन्सिल खरीदकर, वापस बस पर चढ़ने जा रहा था। घटना को देख स्थानीय लोगों ने ट्रक चालक को पकड़ कर स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं पुलिस चालक को हिरासत में लेते हुए ट्रक को जब्त कर लिया। घायल बच्चे को इलाज के लिए नौतन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाय गया, जहां चिकित्सकों ने सिवान रेफर कर दिया। सिवान के चिकित्सकों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इलाज के लिए गोरखपुर रेफर कर दिया। लेकिन गोरखपुर कूड़ा घाट पहुंचते-पहुंचते बच्चे ने दम तोड़ दिया।
घटना के सम्बन्ध में बताया जा रहा है कि स्थानीय थाना क्षेत्र के नौतन बाजार निवासी सतेन्द्र प्रसाद का 7 वर्षीय पुत्र रिषभ कुमार प्रतिदिन की भांती शुक्रवार को भी सुबह 9 बजे के आसपास सीमावर्ती गोपालगंज जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र के सुरवनिया गांव स्थित विवेकानंद पब्लिक स्कूल की बस में बैठकर स्कूल जा रहा था। नौतन प्रखंड मुख्यालय के पास बस से उतरकर पेन्सिल खरीदा और फिर से वापस बस में चढ़ने के लिए जाने लगा। तभी दूसरी ओर से आ रहे ट्रक की चपेट आ गया, जिससे गंभीर रूप घायल हो गया। वहीं थाना प्रभारी शशी रंजन कुमार ने बताया कि ट्रक जब्त कर चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं शोकाकुल परिवार को सांत्वना देते हुए प्रमुख मीरा देवी, उप प्रमुख प्रसिद्ध कुमार एवं भाजपा मंडल अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद ने उचित मुआवजे की मांग किया है।

स्कूल संचालकों की लापरवाही से हो रही घटनाएं
इस तरह की घटनाओं में अधिकतर प्राइवेट स्कूल के संचालकों में घोर लापवाही देखी जा रही है। ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों के पास बस तो हैं, लेकिन बच्चों को बस में चढ़ाने या उतारने के लिए उनके पास कोई व्यक्ति नहीं रखे गए हैं। बच्चे अपने आप उतरते चढ़ते हैं, जिन्हें इतना ज्ञान नहीं होता कि कब, कैसे और कहां उतरना है तथा कैसे सड़क पार करना है। वहीं ज्यादातर प्राइवेट स्कूल संचालक खटारा गाड़ियों का स्तेमाल कर रहे हैं, जिनका ना तो चेसिस ठिक है, ना कुशल चालक हैं और ना ही उनके कागज़ात ही सही हैं। ऐसे खतरे की संभावना और भी बढ़ जाती है। ये सभी जांच करने के विषय हैं। लोगों का कहना है कि अगर बस पर बच्चों को उतारने चढ़ाने वाले होते तो यह घटना नहीं होती।













