सिग्मा गैंग के कुख्यात रंजन पाठक समेत 4 बदमाश दिल्ली पुलिस,बिहार पुलिस की संयुक्त एनकाउंटर में ढेर
डॉ. राहुल कुमार द्विवेदी, बिहार संपादक, अखंड भारत न्यूज़।
राजधानी दिल्ली के रोहिणी इलाके में बुधवार की देर रात हुई भीषण मुठभेड़ में बिहार के कुख्यात ‘सिग्मा गैंग’ का खात्मा हो गया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने एक संयुक्त ऑपरेशन में इस गैंग के चार शातिर अपराधियों को ढेर कर दिया। मारे गए अपराधियों में सीतामढ़ी के कुख्यात अपराधी रंजन पाठक समेत चारों बदमाश शामिल थे, जो बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बड़े आपराधिक षड्यंत्र की तैयारी में जुटे थे।
यह एनकाउंटर 22 और 23 अक्टूबर की दरमियानी रात करीब 2:20 बजे हुआ। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के बहादुर शाह मार्ग से लेकर पंसाली चौक के बीच करीब 25 मिनट तक गोलीबारी चली। पुलिस ने चारों अपराधियों को घेरने की कोशिश की, जिस पर उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सभी चारों को गोली लगी। एनकाउंटर के बाद उन्हें दिल्ली के डॉ. भीमराव आंबेडकर (बीएसए) अस्पताल, रोहिणी में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।एनकाउंटर में मारे गए अपराधियों की पहचान रंजन पाठक (25 वर्ष), बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी (25 वर्ष), मनीष पाठक (33 वर्ष) — तीनों बिहार के सीतामढ़ी ज़िले के रहने वाले थे — और अमन ठाकुर (21 वर्ष), जो दिल्ली के करावल नगर के शेरपुर गांव का निवासी था, के रूप में हुई है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह गैंग ‘सिग्मा एंड कंपनी’ के नाम से कुख्यात था और इसका सरगना रंजन पाठक था। गैंग की गतिविधियां नेपाल की सीमा से लेकर बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक फैली थीं।
बिहार के कई कांडों में वांटेड
बिहार पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, यह गैंग हत्या, फिरौती, हथियार तस्करी और शराब तस्करी के कई मामलों में वांटेड था। रंजन पाठक पर बिहार में कम से कम एक दर्जन आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। वह कुछ माह पहले सीतामढ़ी में हुई एक चर्चित हत्या के बाद मीडिया को “अपना बायोडाटा” भेजने के कारण सुर्खियों में आया था।
हाल ही में बिहार पुलिस को इस गिरोह की एक ऑडियो कॉल मिली थी, जिसमें चुनाव से पहले बिहार में हिंसा फैलाने की साजिश की चर्चा थी। इसी इनपुट के आधार पर दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन की रणनीति बनाई।
ऑपरेशन की योजना और कार्रवाई
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी (क्राइम) आशीष गुप्ता ने बताया हमें इनपुट मिला था कि ‘सिग्मा गैंग’ के सदस्य दिल्ली में छिपे हैं और बिहार में बड़े हमले की योजना बना रहे हैं। बुधवार की रात हमारी टीम ने बिहार पुलिस के साथ संयुक्त छापेमारी की। बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में चारों को मार गिराया गया। मौके से तीन पिस्टल, एक रिवॉल्वर, 52 जिंदा कारतूस, मोबाइल फोन और दो लग्ज़री कारें बरामद हुई हैं।
बिहार पुलिस की ओर से इस ऑपरेशन का नेतृत्व एसटीएफ के डीआईजी विजय कुमार सिंह ने किया। उन्होंने बताया रंजन पाठक और उसके गिरोह की गतिविधियों पर कई महीनों से निगरानी रखी जा रही थी। चुनाव से पहले इनका उद्देश्य भय और अराजकता फैलाना था। दिल्ली पुलिस के सहयोग से यह ऑपरेशन सफल रहा। इस कार्रवाई से बिहार में अपराध जगत को बड़ा संदेश गया है कि कोई अपराधी कानून से ऊपर नहीं।”
एनकाउंटर के बाद जांच जारी
दिल्ली पुलिस ने पूरे इलाके की तलाशी ली और मौके से फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाए। प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ है कि बदमाश पिछले कुछ दिनों से रोहिणी में किराए के मकान में छिपे हुए थे। उनके मोबाइल फोन से नेपाल सीमा से जुड़े कई कॉल रिकार्ड मिले हैं, जिनकी जांच बिहार और दिल्ली की संयुक्त टीम कर रही है।
पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह एनकाउंटर दोनों राज्यों की पुलिस के बीच समन्वय और खुफिया साझा करने की उत्कृष्ट मिसाल है। बिहार के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय कई आपराधिक गिरोह अब दिल्ली-एनसीआर में पनाह लेने लगे हैं, लेकिन यह कार्रवाई उनके लिए कड़ा संदेश है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिहार पुलिस अब रंजन पाठक गिरोह से जुड़े शेष सदस्यों की पहचान कर उनके खिलाफ व्यापक अभियान चलाएगी। वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अपराधियों से मिली सूचना के आधार पर सीमा पार के नेटवर्क की भी जांच होगी।
स्थानीय स्तर पर सन्नाटा
सीतामढ़ी में इस खबर के फैलते ही लोगों में हलचल मच गई। कई थानों में इस गैंग के खिलाफ दर्ज मामलों की फाइलें फिर से खोली जा रही हैं। इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है कि चुनाव से पहले दहशत फैलाने वाले थे।












