भोरे की राजनीति में भूचाल: माले नेता जितेंद्र पासवान की गिरफ्तारी से सियासत गरमाई, समर्थक बोले—”चुनाव के वक्त ही कार्रवाई क्यों?”
विजयीपुर/भोरे/गोपालगंज –
विधानसभा चुनाव के बीच माले नेता जितेंद्र पासवान की गिरफ्तारी ने भोरे की सियासत में जबरदस्त हलचल मचा दी है।
सूत्रों के अनुसार, 15 अक्टूबर को विजयपुर थाना प्रभारी रविशंकर कुमार ने पासवान को धारा 307 (हत्या के प्रयास) के तहत गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी की खबर फैलते ही माले कार्यकर्ता आक्रोशित हो उठे और थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा, जिसके बाद पासवान को न्यायालय में पेश किया गया।

इस दौरान माले समर्थकों ने प्रशासन पर राजनीतिक दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
कार्यकर्ताओं का कहना था कि न्यायालय का आदेश 8 सितंबर 2025 को ही थाना को प्राप्त हो गया था, फिर अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई?
उन्होंने सवाल उठाया कि चुनाव के ठीक पहले ही गिरफ्तारी होना साजिश की बू देता है।
इधर, माले नेता की पत्नी ने हजारों समर्थकों के साथ भोरे बाजार में आक्रोश मार्च निकाला और कहा कि “वर्तमान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के इशारे पर मेरे पति को फंसाया गया है। जनता के बीच माले की बढ़ती लोकप्रियता से सत्ता पक्ष घबराया हुआ है।”
शाम तक भोरे के कई इलाकों में कैंडल मार्च और विरोध प्रदर्शन जारी रहे। पूरा घटनाक्रम अब भोरे विधानसभा का सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।
उधर, इसी बीच जन सुराज की प्रत्याशी प्रीति किन्नर पर जाति प्रमाण पत्र में गड़बड़ी के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि 18 अक्टूबर को नामांकन जांच के दौरान यह मामला भी बड़ा रूप ले सकता है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि भोरे की जनता इन घटनाओं को कैसे देखती है — क्या यह “राजनीतिक साजिश” है या कानून का पालन?
जनता का फैसला ही सच्चाई उजागर करेगा।












