डूमर नरेंद्र पंचायत में सोलर लाइट योजना फेल, एक साल में आधी लाइटें बंद
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना
भोरे (गोपालगंज):
बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना का हाल अब गांवों में उजाला नहीं, बल्कि अंधेरा बयां कर रहा है। ग्रामीण इलाकों की गलियों को रात में शहरों की तरह रौशन करने के उद्देश्य से शुरू की गई यह योजना अब भ्रष्टाचार और लापरवाही का प्रतीक बन चुकी है। भोरे प्रखंड के डूमर नरेंद्र पंचायत में इस योजना के तहत प्रत्येक वार्ड में 10-10 सोलर स्ट्रीट लाइट तथा पंचायत स्तर पर अतिरिक्त 10 सोलर लाइट लगाने का काम किया गया था। परंतु ग्रामीणों का कहना है कि लाइटें लगाए हुए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है, और अब लगभग 50 प्रतिशत सोलर लाइटें खराब होकर बंद पड़ी हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि रात के समय गांव की गलियाँ फिर से अंधेरे में डूबी रहती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लाइट लगाने में भारी घोटाला और घटिया क्वालिटी का सामान इस्तेमाल किया गया, जिससे उपकरण जल्दी खराब हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि योजना का रखरखाव और मरम्मत कार्य पूरी तरह ठप है, जबकि विभागीय अधिकारियों द्वारा आज तक एक भी लाइट की जांच नहीं की गई है।
स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि यह पूरी योजना मुखिया और संबंधित विभागों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। पंचायत स्तर पर योजनाओं में पारदर्शिता की कमी और निगरानी तंत्र की नाकामी ने इस जनहितकारी योजना की साख पर सवाल खड़ा कर दिया है।लोगों ने जिलाधिकारी गोपालगंज और ऊर्जा विभाग से मांग की है कि पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और ऐसे मुखिया पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि जनता के पैसे से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ वास्तव में आम लोगों तक पहुंचे।












