विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही शुरू हुई चुनावी चर्चा,
चौक-चौराहों पर होने लगी चुनावी बहस
नौतन से फिरोज अंसारी की रिपोर्ट
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा होते ही जहां राज्य भर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, वहीं स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में भी चर्चा होने लगी है। बता दें कि चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा की कुल 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान कराए जाने की घोषणा की है, जिसमें पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को होना है। वहीं वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। यह घोषणा वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल के समाप्त होने से ठीक पहले की गई है, जिससे सभी प्रमुख दल चुनावी मोड में आ चुके हैं।
तारीखों की घोषणा के साथ ही सड़कों, चौकों-चौराहों और चाय की दुकानों पर चुनावी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। नौतन प्रखंड के सिसवां मोड़ पर एक चाय स्टॉल पर इकट्ठे युवाओं का समूह नीतीश कुमार की एनडीए सरकार की नीतियों पर बहस कर रहा था। “पिछले पांच सालों में विकास के नाम पर सिर्फ घोषणाएं हुईं, असल में बेरोजगारी और पलायन बढ़ा है,” कहते हुए एक युवक ने आरजेडी के तेजस्वी यादव का समर्थन किया। वहीं मोहल्लों में महिलाओं का ग्रुप महिलाओं के लिए नई योजनाओं पर चर्चा कर रहा है, लेकिन वे भी विपक्ष के ‘महिला आरक्षण’ वादे से प्रभावित नजर आ रही थीं। वहीं, आरजेडी समर्थक विपक्षी महागठबंधन की एकजुटता का पर बल दे रहे हैं। वहीं चुनावी हवा से प्रभावित गली-मोहल्लों में लोग पुरानी यादें ताजा कर रहे हैं। 2020 के चुनावों में एनडीए ने 125 सीटें जीती थीं, लेकिन विपक्ष ने महागठबंधन बनाकर कड़ी टक्कर दी थी। इस बार मुद्दे वही हैं—बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रवासन। कुछ राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह चुनाव न केवल बिहार बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करेगा। चौक-चौराहों पर बहसें जारी हैं—कौन जीतेगा, यह तो 14 नवंबर को पता चलेगा, लेकिन उत्साह पहले से ही चरम पर है। बिहार एक बार फिर लोकतंत्र का महाकुंभ बनने को तैयार है।












