मनोकामना पूर्ण होने पर लोग करते हैं अनुष्ठान और भंडारा, मंदिर का गेट भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है
जमुनागढ़ देवी मंदिर में दुर्गापूजा पर उमड़ रही अपार भीड़
बड़हरिया से परमानंद पांडे की रिपोर्ट
बड़हरिया प्रखंड के सुप्रसिद्ध बड़हरिया-सीवान मुख्य मार्ग के पश्चिम दिशा स्थित ऐतिहासिक जमुनागढ़ देवी मंदिर में शारदीय नवरात्र के मौके पर पूजा करने हेतु आय दिन भक्तों की अपार भीड़ उमड़ रही है। सुबह चार बजे से ही श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए कतार में लग जाते हैं और रात दस बजे तक मंदिर परिसर में भक्तों से खचाखच भरा रहता है। मंदिर में सजावट और आकर्षक भव्य गेट भक्तों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। जमुनागढ़ देवी मंदिर का दामन कई पौराणिक मान्यताओं और किवदंतियों से जुड़ा है। कहा जाता है कि असम के कामाख्या से थावे के राजा मनन सिंह को पराजित करने के लिए चाली मां दुर्गा, थावे पहुंचने से पहले जमुनागढ़ में ठहरी थीं। इस आखिरी ठहराव के कारण यह स्थान भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया। तभी से जमुनागढ़ पर स्थित देवी माता काफी मशहूर हो गई।
| भक्ति और परंपराओं से जुड़ा केंद्र
नवरात्र में मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है। राजा लाइट करबला बाजार के सौजन्य से रंग-बिरंगी लाइटिंग और प्रकाश व्यवस्था भक्तों को आकर्षित कर रही है। शाम साढ़े छह बजे की आरती के समय तो मंदिर प्रांगण में भक्तों का सैलाब उमड़ घड़ता है। यहां नवरात्र के अलावा मकर संक्रांति पर खिचड़ी का विशाल प्रसाद वितरण भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त हर साल कई जोड़ों का विवाह माता के साक्षी में होता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विवाह बंधन में बंधने वाले दंपतियों का जीवन मां के आशीर्वाद से सुखी रहता है।
देवी मंदिर की महिमा दूर-दूर तक फैल गई और चैत्र व शारदीय नवरात्र में वहां भव्य आयोजन होने लगे। सीवान और बड़हरिया प्रखंड ही नहीं, बल्कि गोपालगंज, मांझागढ़, बैकुंठपुर, गोरियाकोठी, पचरुखी समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों से भी बद्धालु यहां माता के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं। नवरात्र व्रत संपूर्ण कामनाओं को पूर्ण करने वाला है। इसके करने से पुत्र की कामना वाले को पुत्र, धन की
लालसा वाले को धन, विद्या चाहने वाले को विद्या व सुख की इच्छा रखने वाले को सुख प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से रोगी मनुष्य का रोग व संपूर्ण विपत्तियां दूर हो जाती हैं। घर में समृद्धि की वृद्धि होती है। भक्तों की मान्यता है कि जो भी यहां सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
मनोकामना पूर्ण होने पर लोग धार्मिक अनुष्ठान, भंडारा और पूजन
पूजा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
बड़हरिया प्रखंड के सुप्रसिद्ध सुंदरी बाजार एवं बड़हरिया मुख्शलय और प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में नवरात्र के पांचवें दिन आदिशक्ति देवी दुर्गा के पांचवें रूप स्कंदमाता की पूजा हुई। इस अवसर पर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के काली मंदिरों व पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। सुंदरी बाजार स्थित भगवान शिव मंदिर के परिसर में बना भव्य आकर्षक पंडाल की तैयारी अंतिम चरण में है। सुंदरी बाजार निवासी आचार्य राजन उपाध्याय और अवध किशोर पांडेय के वैदिक मंत्रोचार के बीच माता दुर्गा के स्कंदमाता की विधिवत पूजा जजमान के द्वारा की गई । आचार्य राजन उपाध्याय ने कहा कि माता देवी दुर्गा जी के भक्तों को मनोवांछित फल देने वाली व दुष्टों का नाश करने वाली जगत की माता है।
जमुना गढ़ देवी माता परिसर के बगल में खाली पड़ी 52बीघा जमीन को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने की मांग वर्षों से भक्तों द्वारा सरकार से की जा रही है। लेकिन अब तक अधूरा
जमुनागढ़ मंदिर की प्रसिद्धि और इसकी आस्था देखते हुए कई बार इसे पर्यटन स्थल बनाने की मांग उठी। नेताओं और मंत्रियों ने भी वादा किया, लेकिन आज तक यह स्थान पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं हो सका। मंदिर परिसर में पूजा-पाठ और देखरेख का कार्य समिति के अध्यक्ष
अश्विनी कुमार उर्फ बाल्मीकि प्रसाद , डॉ अनिल कुमार गिरी, विद्याभूषण वर्मा, मंडल अध्यक्ष मनोज कुशवाहा, सोनू कुमार, रमेश वर्मा, सुशील वर्मा,सुनील कुमार चौधरी, गुड्डु सोनी, बीरेंद्र साह, तारकेश्वर शमां, चुन्नू सिंह सहित अन्य सदस्य सक्रिय रूप माता की सेवा और माता के भक्तों के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। डॉ अनिल कुमार गिरी सबसे पहले जमुना गढ़ स्थित देवी माता के मंदिर के निर्माण हेतु लोगो से सहयोग राशि लेकर कार्य प्रारंभ किया था। डॉ अनिल कुमार गिरी ने बताया कि माता की कृपा से भक्तों के द्वारा पूजा से खुश होकर माता उनके समस्त पापों से छुटकारा कर देती है। मन का मनोरथ सिद्ध हो जाता है।












