आपराधिक गतिविधियों और विभागीय आदेशों की अवहेलना पर 01 सिपाही को सेवा से किया गया बर्खास्त

सिपाही/978 ऐनूल अंसारी के विरुद्ध एक प्रतिवेदन प्राप्त हुआ जिसमे यह प्रतिवेदित था कि सिपाही ऐनूल अंसारी के विरुद्ध सुल्तानगंज थाना पटना में वर्ष 2020 में धोखाधड़ी एवं अमानत में खयानत से संबंधित मुकदमा दर्ज हुआ था, उक्त कांड के अनुसंधान, पर्यवेक्षण तथा प्रतिवेदन से यह कांड उक्त सिपाही के विरूद्ध सत्य पाया गया तथा इनकी गिरफ्तारी एवं कुर्की जप्ति का आदेश प्राप्त है परन्तु ये अपने कर्तव्य से फरार थे।
इसी बीच सारण में एक माननीय विधायक के अंगरक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त होने के दौरान भी वे बिना अनुमति अनुपस्थित हो गए और अपने नाम से निर्गत सरकारी पिस्टल एवं गोलियों को जमा न कर अवैध रूप से अपने पास रखे रहे, जिसके कारण उन्हे निलंबित कर विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की गयी। विभागीय कार्यवाही में दोषी पाते हुए उनके विरुद्ध नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज किया गया। विभागीय कार्यवाही के क्रम में आरोपों की पुष्टि हुई तथा बार-बार अवसर दिए जाने पर भी उनके द्वारा कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया। उपलब्ध साक्ष्यों एवं जांच प्रतिवेदनों के आधार पर यह प्रमाणित हुआ कि सिपाही/978 ऐनूल अंसारी का आचरण पुलिस सेवा के अनुरूप नहीं है और उनकी सेवा जारी रखना विभाग के हित में नहीं है। तदोपरांत सिपाही/978 ऐनूल अंसारी को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया गया था।
बरखास्तगी के बाद दायर किए गए मेमोरियल अभ्यावेदन पर पुलिस महानिदेशक, बिहार, पटना द्वारा प्रक्रियात्मक त्रुटि के निराकरण हेतु सिपाही/978 ऐनूल अंसारी को निलंबित अवस्था में सेवा में लेकर विभागीय कार्यवाही को आरोप गठन के स्तर से पुनः संचालित करने का निर्देश दिया गया।
उक्त आदेश के आलोक में पूर्व से संचालित विभागीय कार्यवाही के विरूद्ध स्पष्टीकरण की मांग की गयी। उनके द्वारा समर्पित स्पष्टीकरण के अवलोकनोपरांत, स्पष्टीकरण असंतोषजनक पाया गया। तत्पश्चात सिपाही/978 ऐनूल अंसारी से दिनांक-23.08.25 को जाँच प्राधिकार के मंतव्य के साथ अंतिम बचाव स्पष्टीकरण की मांग की गयी थी। पुनः उनके द्वारा समर्पित स्पष्टीकरण को असंतोषजनक पाया गया। उनके द्वारा अपने बचाव स्पष्टीकरण में साक्ष्यमूलक तथ्यों को प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे की उनकी निर्देशिता साबित हो सके। उनके द्वारा मिथ्यापूर्ण एवं तथ्यहीन बातों का उल्लेख करते हुए लगाये गये आरोप से बचने का असफल प्रयास किया गया है।
तदोपरांत जाँच प्राधिकार के अभिलेख मंतव्य से सहमत होते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक महोदय सारण द्वारा सिपाही/978 ऐनूल अंसारी, तत्कालीन सारण जिलाबल, वर्तमान सिवान जिलाबल के विरुद्ध लगाये गये आरोप के लिये दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया गया है।
सारण पुलिस यह पुनः स्पष्ट करती है कि अनुशासनहीनता एवं अपराध-सदृश आचरण के प्रति विभाग की शून्य सहनशीलता नीति यथावत जारी रहेगी।












